
पीयर रिव्यू जैसी प्रक्रिया प्रोफेशनल कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करती है: सीए आलोक सोमानी
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पंकज पोरवाल |
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भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की भीलवाड़ा शाखा द्वारा पीयर रिव्यू बोर्ड, आईसीएआई के तत्वावधान में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भव्य आयोजन मंगलवार को आईसीएआई भवन, पटेल नगर, भीलवाड़ा में किया गया। यह कार्यक्रम देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को सहकर्मी समीक्षा प्रणाली की बारीकियों, तकनीकी एवं नैतिक मानकों तथा गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रिया से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसमें भीलवाड़ा सहित अन्य शहरों से आए लगभग 100 से अधिक सीए सदस्यों ने भाग लिया। शाखा अध्यक्ष सीए आलोक सोमानी ने बताया कि पीयर रिव्यू जैसी प्रक्रिया प्रोफेशनल कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करती है। यह कार्यक्रम समीक्षकों को आई.सी.ए.आई. द्वारा निर्धारित तकनीकी और नैतिक मानकों की जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम पेशे की गरिमा बनाए रखने में सहायक होते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (सीआईआरसी) के पूर्व अध्यक्ष सीए देवेंद्र सोमानी एवं वर्तमान सदस्य सीए निर्भीक गांधी थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आईसीएआई द्वारा आयोजित इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चार्टर्ड एकाउंटेंसी प्रोफेशन को मजबूती प्रदान करते हैं और सदस्यों को अद्यतन ज्ञान से सुसज्जित करते हैं। उन्होंने पीयर रिव्यू को एक ऐसा साधन बताया जो समाज और प्रोफेशन के प्रति जवाबदेही और गुणवत्ता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। शाखा सचिव सीए अक्षय सोडानी ने बताया कि यह कार्यक्रम पीयर रिव्यू बोर्ड द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप आयोजित किया गया। विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा समीक्षा प्रक्रियाओं, रिपोर्टिंग ढांचे, गुणवत्ता नियंत्रण और नैतिक दायित्वों जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई, जो सभी उपस्थित सदस्यों के लिए अत्यंत लाभकारी रही। कार्यक्रम के प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता, इंदौर से पधारे चार्टर्ड अकाउंटेंट सीए असीम त्रिवेदी ने अपने व्याख्यान में पीयर रिव्यू की प्रासंगिकता और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक प्रभावी पीयर रिव्यू न केवल फर्म की गुणवत्ता को मापने का एक माध्यम है, बल्कि यह व्यावसायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने का एक मजबूत साधन भी है। उन्होंने समीक्षा प्रक्रिया में अनुसरण किए जाने वाले मानकों, रिपोर्टिंग प्रणाली की तकनीक, तथा आश्वासन गुणवत्ता परिपक्वता मॉडल (एस्योरेंस क्वालिटी मैच्योरिटी मॉडल) की भूमिका को विस्तार से समझाया। साथ ही, तकनीकी और व्यावसायिक मानकों का अनुपालन किस प्रकार सुनिश्चित किया जाए, इस पर भी गहन मार्गदर्शन प्रदान किया। द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता, जयपुर से पधारे प्रतिष्ठित सीए भूपेंद्र मंत्री ने गुणवत्ता नियंत्रण के सामान्य एवं विशिष्ट फ्रेमवर्क, नैतिक मानकों के अनुपालन और ऑडिट प्रलेखन की महत्ता पर सारगर्भित चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक पीयर रिव्यूअर के लिए यह आवश्यक है कि वह फर्म के कार्यों में नैतिकता और गुणवत्ता की जाँच करते हुए निष्पक्ष रिपोर्टिंग करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सही डॉक्युमेंटेशन और नैतिक मापदंड ही किसी समीक्षा को सटीक एवं प्रभावशाली बनाते हैं। कार्यक्रम का संचालन भीलवाड़ा शाखा सचिव सीए अक्षय सोडानी द्वारा किया गया। इसमें सीए कैलाश चन्द्र बाहेती, शिव प्रकाश झंवर, नवीन वागरेचा, दिनेश सुथार, एसएन लाठी, पुलकित राठी, पुनीत मेहता, दिनेश आगाल, आलोक पलोड़, सोनेश काबरा, हरीश सुवालका, गौरव मालू, सुरेश अग्रवाल सहित लगभग 50 से अधिक सीए सदस्य उपस्थित थे।
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