
वर्तमान शिक्षा नीति देश की मांग- डॉ. भट्ट
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किशन खटीक |
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रायपुर :- राजकीय महाविद्यालय रायपुर, को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में "नीति से परिवर्तन तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 5 वर्ष" विषय पर एकदिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय में शिक्षा जगत से जुड़े प्रबुद्ध वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की आवश्यकता, उद्देश्य एवं इसके क्रियान्वयन के प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. कश्मीर भट्ट, प्रांतीय सचिव, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उच्च शिक्षा रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में ब्रिटिश कालीन लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति से लेकर आजादी के बाद शैक्षिक परिदृश्य में हुए विविध परिवर्तनों की क्रमबद्धता को सार रुप में प्रस्तुत किया। डॉ. भट्ट ने बताया कि किस प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय संस्कृति, मूल्य एवं समसामयिक वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण अपनाती है। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर द्वारा इस नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए किए गए प्रयासों की भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर सहवक्ता डॉ. प्रवीण टांक ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल एक दस्तावेज न होकर भारत के भविष्य का मार्गदर्शक है। यह विद्यार्थियों में रचनात्मकता, नवाचार एवं कौशल विकास को बढ़ावा देती है। उन्होंने नई शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत लागू होने वाले बहुविषयी दृष्टिकोण, लचीलापन, और मातृभाषा में अध्ययन की भूमिका पर जोर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के इकाई सचिव डॉ. राकेश कुमार गोरा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों में संस्कार, आत्मबोध एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का भाव विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान महाविद्यालयीय शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक आचार्य अविनाश कोठारी, जुजा राम, आनंद कुमार, अनिल भांखर, राकेश कीर, प्रेमशंकर व्यास तथा श्रीमती चंदा चौहान उपस्थित रहे। साथ ही महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का समापन "कल्याण मंत्र" के साथ हुआ।

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